झारखंड में आदिवासियों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए निर्मित छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम के सहारे ही भू-माफिया आदिवासियों की जमीन लूट रहे हैं। अफसरों के मेल से फर्जी वंशावली के सहारे आदिवासी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। यह खुलासा कल्याण मंत्री चमरा लिंडा, विधायक जिगा सुसारन होरो, विधायक राजेश कच्छप द्वारा दक्षिणी छोटानागपुर आयुक्त से की शिकायत से हुआ है। मामले में जांच भी शुरू कर दी गई है।
शिकायत में रांची के रातू थाना क्षेत्र स्थित नयाटोली (सिमलिया) के खतियानी रैयत बिशु उरांव और जगन्नाथ उरांव (पिता स्व मिठुआ उरांव) का हवाला दिया गया है। इसमें बिशु उरांव और जगन्नाथ उरांव द्वारा फर्जी वंशावली के आधार पर सैकड़ों एकड़ (केस नंबर के साथ 48 वादों की सूची संलग्न) का मुआवजा लिया गया है।
सादा बिक्री पट्टा पर फर्जी तरीके से गैर आदिवासियों के हाथों बड़े पैमाने पर जमीन की बिक्री की गई है। हेहल अंचल के हरमू मौजा में खाता नंबर- 53, 135 और 89 में 18.51 एकड़ आदिवासी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। विधायकों ने कहा है कि ये लोग दर्जनों मामलों में मुआवजा ले चुके हैं।
राशि प्राप्त की है।सिमलिया मौजा के खाता-158 के खतियानी रैयत ये लोग जमीन माफिया हैं। पदाधिकारी और कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर एसएआर कोर्ट के माध्यम से गलत वंशावली के आधार पर इन लोगों ने दर्जनों मामलों में मुआवजा राशि प्राप्त की है। ये लोग कई मामलों में दखलदिहानी का प्रयास कर रहे हैं।
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गहराई से जांच हो तो कई और मामले आएंगे:चमरा
कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि ये मामले तो वैसे हैं जिनकी शिकायत उनसे की गई है। राज्य में ऐसे बहुतेरे मामले हैं, जिसमें भू-माफिया कब्जा किए हुए हैं। गहनता से जांच की जाए तो ऐसे सैकड़ों मामले उजागर होंगे।
विधायक मंत्री बने तब कार्रवाई का आदेश जारी
विधायकों ने मार्च 2022 में रांची आयुक्त को शिकायत की थी। इसके बाद 15 दिनों में जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जैसे ही चमरा लिंडा मंत्री बने इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है।
जहां जमीन, वहीं की वंशावली बना ली गई
शिकायत के अनुसार, बिशु उरांव तिर्की (पिता स्व. मिठुआ उरांव) सिमलिया मौजा के खाता संख्या 156 के खतियानी रैयत शमुआ उरांव के वंशज हैं। बिशु तिर्की ने 29 मई 2023 को खाता नंबर 158, प्लॉट नंबर 2151 की खतियानी जमीन बेची थी। जिसकी रजिस्ट्री डीड नंबर-1359 है। इसमें उन्होंने सिमलिया मौजा के खाता नंबर-158 का खतियानी रैयत बताने हुए मुखिया से सत्यापित वंशावली लगाई है।
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वंशावली में शमुआ उरांव परदादा, भौका उरांव दादा और मिठुआ उरांव को पिता बताया है। वहीं एसएआर केस नंबर 55/2010-11 में हेहल अंचल के हरमू मौजा में खाता नंबर-53 की जमीन के लिए एफिडेविट से जो वंशावली दी गई है, उसमें हरमू मौजा के खतियानी रैयत भौका उरांव का वंशज बताया है। इसमें बिशु उरांव से ऊपर स्व बांगी उराइन, जबकि केस नंबर 264/08-09 में भी बिशु उरांव के ऊपर मिठुआ उरांव फिर स्व. बांगी उराईन को दर्शाया गया है।
डीसी ने जांच रिपोर्ट मंतव्य के साथ मांगी
विधायकों की शिकायत पर रांची डीसी ने बीते 18 जनवरी को कार्रवाई का आदेश दिया है। एसएआर अफसर को दिए निर्देश में डीसी ने फर्जी वंशावली के आधार पर भूमि के हस्तांतरण एवं दखलदिहानी को लेकर वर्णित तथ्यों पर नियमानुसार कार्रवाई कर मंतव्य के साथ स्पष्ट जांच रिपोर्ट मांगी है। प्रतिवेदन अपने मंतव्य के साथ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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