डेस्क: बांग्लादेश में नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर रविवार को फिर हिंसा फैल गई। प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 14 पुलिसकर्मियों सहित 100 लोगों की जान चली गई।
बांग्लादेश में हालात इतने खराब हो गए है कि पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि भारत सरकार ने अपने नागरिकों को बांग्लादेश नहीं जाने की हिदायत दी है।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में कोटा खत्म करने की मांग रविवार को उग्र हो गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि अब उनकी एक ही मांग है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दे। दरअसल, प्रदर्शनकारियों की मांग रही है कि 1971 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरी का कोटा खत्म किया जाए। पहले जब हिंसा भड़की थी तो कोर्ट ने कोटा को कम कर दिया था। लेकिन हिंसा थमी नहीं अब प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे है। अबतक 11 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किये जा चुके है।
रविवार को हुए हिंसा को लेकर बांग्लादेश के प्रमुख अखबार प्रोथोम अलो ने बताया कि देश भर में झड़पों, गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई में कम से कम 100 लोग मारे गए हैं।पुलिस मुख्यालय के मुताबिक देशभर में 14 पुलिसकर्मी मारे गए हैं।इनमें से 13 एक ही थाने सिराजगंज के इनायतपुर में मारे गए. करीब 300 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं।