रांची। विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो की अध्यक्षता में आज रांची में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ, सीपीए झारखंड शाखा की वार्षिक आम बैठक हुई। बैठक के दौरान विधानसभा के प्रभारी सचिव सैयद हैदर द्वारा वित्तीय वर्ष दो हजार बीस-इक्कीस का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि यह बैठक कोरोना महामारी के कारण लगातार टलती रही। नियमानुसार यह बैठक वर्ष दो हजार इक्कीस में बुलायी जानी चाहिए थी, परंतु कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के कारण इस बैठक को विलंब से करना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह मंच इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इस मंच के माध्यम से वर्त्तमान विधायकगणों को पूर्व के विधायकों से संवाद का अवसर प्राप्त होता है। जिसके माध्यम से संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने में मदद मिल सकती है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा के पहले अध्यक्ष मावलंकर ने अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारियों के ग्वालियर में आयोजित सम्मेलन में वर्ष उन्नीस तिरपन में कहा था कि- वास्तविक लोकतंत्र के लिए सिर्फ संविधान और सभा को संचालित करने के लिए बनाये गये नियमों को ही नहीं देखना चाहिए, बल्कि हमें अपने विधायकों में वास्तविक लोकतांत्रिक भावना जागृत करनी होगी। अगर इस मूलभूत भावना को ध्यान में रखा जाए, तो यह स्पष्ट होगा कि यद्यपि महत्वपूर्ण विषयों का निराकरण बहुमत से किया जाएगा,परंतु संसदीय लोकतंत्र को केवल संख्या बल का हिसाब रखने तक सीमित नहीं रखा जा सकता।