रांची : गढ़वा के विश्रामपुर सीट से चार बार विधायक और दो बार राज्य सरकार में मंत्री रहे रामचंद्र चंद्रवंशी ने चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी। अपनी उम्र को देखते हुए उन्होने आगे किसी भी तरह का चुनाव नहीं लड़ने का एलान मकर संक्रांति के दिन किया।
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मीडिया से बात करते हुए पूर्व मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि वह पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे, बीजेपी की ओर से उन्हे जो भी दायित्व दिये जायेंगे उसे पूरा करेंगे। बीजेपी ने उन्हे जो भी मान सम्मान दिया है उसके लिए वो जीवनभर ऋणी रहेंगे। क्षेत्र के विकास और जनता की सेवा के लिए वो हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होने आगे कहा कि चुनाव में हार-जीत राजनीति का हिस्सा है, जनता का निर्णय ही सर्वोपरि है। राजनीति में कभी सूर्यास्त नहीं होता, हालांकि उम्र को लेकर उन्होने ये निर्णय लिया है। वो 2024 का विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे वो चाहते थे कि बीजेपी उनकी जगह उनके बेटे को विश्रामपुर से चुनाव लड़ाये लेकिन पार्टी ने उन्हे ही टिकट दिया।
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रामचंद्र चंद्रवंशी ने अपने अंतिम विधानसभा चुनाव में अपनी हार के लिए मंईयां सम्मान योजना को जिम्मेदार बताया।उन्होंने कहा कि चुनाव के एक दो दिन पहले हमारे क्षेत्र के 70 हजार महिलाओं के खाते मे मंईयां सम्मान योजना का पैसा आ गया, जो हार का सबसे बड़ा कारण रहा। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी नरेश प्रसाद सिंह की जीत को स्वीकार करते हुए कहा कि चुनाव परिणाम के बाद विरोध समाप्त हो जाता है।