रांची : मुख्यमंत्री चंपाइर्द सोरेन ने बजट सत्र के समापन भाषण के दौरान एक बार फिर से केंद्र सरकार और राजभवन पर निशाना साधा। उन्होने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार आदिवासियों की अस्मिता को समाप्त करना चाह रही है। इस कारण कई नीतिगत बदलाव किये जा रहे है। उन्होने कहा कि भाजपा को रोकना है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आदिवासियों और मूलवासियों के लिए राज्य की सरकार जो भी निर्णय लिये है राजभवन ने उसको रोक दिया। अब आदिवासियों और मूलवासियों को अधिकार दिलाने के लिए हम लोगों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा। यह समझना होगा कि केंद्र सरकार हमलोगों को किस स्थिति में खड़ा करने जा रही है। हम जल, जंगल जमीन का नारा देकर सत्ता मेंं आये है, यहां पूर्वजों का भी इतिहास है। भारत सरकार वन अधिकार कानून में संशोधन कर जंगल में रहनेवालों को उनके हक से वंचित करने जा रही है। ग्राम सभ का अधिकार छिन जा रहा है। कोयलांचल के लिए भी 2023 में संशोधन का बिल लाया गया है, जिस तरह से वन अधिकार अधिनियम से आदिवासी वंचित होने जा रहे है, उसी तरह से कोयलांचल के साथ होने जा रहा है। पहले सीबी एक्ट के माध्यम से जमीन अधिग्रहण होता था। कोयला के लिए जमीन दी जाती थी, इसमें प्रावधान है कि जमीन उपयोग नहीं करने या खनन कार्य खत्म होने के बाद सरकार या रैयत को जमीन वापस की जायेगी। अब कोयलांचल में जमीन मिल जायेगी, वह आजीवन रख सकता है। यहां राज्य सरकार या रैयत का अधिकार नहीं होगा। ऐसा करने से एक दिन झारखंड केवल नाम का रह जायेगा। सीएनटी-एसपीटी एक्ट भी बचाव नहीं करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ साथ सीएनटी एक्ट में एक धारा है, उसको शिथिल करने का प्रयास हो रहा है। 1995 में इसमेंं संशोधन कर दिया गया था, इससे आदिवासी की जमीन की बंदोबस्ती भी होती थी। सुनियोजित तरीके से आदिवासियों का अधिकार छिना जा रहा है। यह काम भाजपा की सरकार कर रही है।