रायपुर:छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ के जंगल में सुरक्षाबलों ने 28 नक्सलियों को मार गिराया है।सभी के शव और हथियार बरामद कर लिए गए हैं।मुठभेड़ में सीसी मेंबर, पोलित ब्यूरो जैसे बड़े नक्सली लीडर मारे जाने की सम्भावना। पुलिस ने 7 दिन पहले ही छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था।
बताया जा रहा है कि कुख्यात नक्सली बसवराजू को भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया है । बताया जा रहा है कि बसवराजू ने बीटेक की पढ़ाई की है और दशकों से माओवादियों के विस्तार की जिम्मेदारी निभा रहा था ।
कौन है नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू
नंबाला केशव राव, जिन्हें बसवराजू के नाम से जाना जाता है, प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के नए महासचिव था। 1970 के दशक से नक्सलवादी आंदोलन से जुड़ा था ।
भारत के सबसे वांछित माओवादी नेताओं में शामिल 64 वर्षीय बसवराजू के पास एके-47 होने की जानकारी 2011 की खुफिया ब्यूरो (IB) रिपोर्ट में दी गई थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बसवराजू की सूचना देने पर 15 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है। इसके अलावा छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारों ने भी उनके खिलाफ इनाम घोषित है ।
बसवराजू ने बीटेक तक पढ़ाई की
बसवराजू आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में मंडलम-कोटबोम्मली थाना क्षेत्र के अंतर्गत जियन्नापेटा गांव का रहने वाला था।। बसवराजू ने क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज, वारंगल से बीटेक की डिग्री प्राप्त की थी । उनके अन्य नामों में गंगन्ना, प्रकाश, कृष्णा, विजय, दरपु नरसिम्हा रेड्डी और नरसिम्हा शामिल हैं। बताया जाता है कि उन्होंने 1970 के दशक के अंत में अपने गांव छोड़ दिया था और वहां कोई संपत्ति उनके नाम पर दर्ज नहीं है। छत्तीसगढ़ में पार्टी की नौवीं कांग्रेस के दौरान माओवादियों की एक सभा की एक पुरानी तस्वीर से ही उनकी पहचान बनी हुई है ।
बसवराजू की सुरक्षा व्यवस्था बहुत पुख्ता होती थी । बताया जा रहा है कि छह लेयर की सुरक्षा घेरे में रहता था बसवराजू । कई दशकों से बववराजू ने हजारों नक्सलियों को तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी । बसवराजू के बारे में बताया जाता है कि उसने संगठन को चलाने में जिस तरह से दिमाग का इस्तेमाल किया उसके आगे पुलिस और खुफिया एजेंसियां हमेशा मात खाती रही है ।