नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूनाइटेड किंगडम के माननीय प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर ने भारत–ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के सफल समापन की घोषणा की है। यह समझौता नवंबर 2024 में ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में G-20 सम्मेलन के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत का परिणाम है। इसके बाद फरवरी 2025 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटेन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जोनाथन रेनॉल्ड्स के बीच गहन वार्ताएं हुईं, जो इस ऐतिहासिक डील तक पहुंचीं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर कहा –
“एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत, भारत और ब्रिटेन ने एक महत्वाकांक्षी और पारस्परिक लाभकारी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के साथ-साथ डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। ये समझौते हमारी रणनीतिक साझेदारी को और गहराई देंगे, और दोनों देशों में व्यापार, निवेश, रोजगार और नवाचार को बढ़ावा देंगे।”
भारत और ब्रिटेन FTA से फायदे
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आधुनिक और व्यापक समझौता: यह अब तक भारत द्वारा किया गया सबसे व्यापक फ्री ट्रेड समझौता है। इससे व्यापार उदारीकरण और गहन आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
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शुल्क में छूट: भारत को ब्रिटेन की 99% टैरिफ लाइनों पर शुल्क छूट मिलेगी, जो कुल व्यापार मूल्य का लगभग 100% कवर करता है।
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सेवाओं में ऐतिहासिक प्रतिबद्धता: IT, वित्तीय सेवाओं, प्रोफेशनल सेवाओं, शिक्षा आदि क्षेत्रों में भारत को ब्रिटेन की अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धता मिली है।
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व्यवसायिक आवाजाही में आसानी: भारतीय पेशेवरों, कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस सप्लायर्स, इन्वेस्टर्स, शेफ, योग प्रशिक्षकों, संगीतकारों आदि को ब्रिटेन में काम करने के नए अवसर मिलेंगे।
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डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन: भारतीय श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं को ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा योगदान से 3 वर्षों तक छूट मिलेगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा और आय दोनों में वृद्धि होगी।
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नॉन-टैरिफ बाधाओं को दूर किया गया: व्यापार में अनावश्यक अड़चनों को हटाने के लिए उचित नियामकीय प्रथाओं और पारदर्शिता पर बल दिया गया है।
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भारत के लिए रोजगार और निवेश का विस्तार: MSMEs, किसान, मछुआरे, स्टार्टअप्स और नवप्रवर्तकों को नए बाजार मिलेंगे और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते को “दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संतुलित और महत्वाकांक्षी व्यापार का नया मानक” बताया। उन्होंने कहा, “यह समझौता केवल वस्तुओं और सेवाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों, संभावनाओं और समृद्धि का प्रतीक है।”