पटना : लोगों की भावना भड़काने के मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर मनीष कश्यप की बेउर जेल से शनिवार को रिहाई हो गई। सुबह से ही बेउर जेल के बाहर मनीष कश्यप के समर्थकों की भारी भीड़ जमा थी। शुक्रवार को भी मनीष कश्यप की रिहाई की खबरें आई थी लेकिन कागजात पूरी नहीं होने की वजह से शुक्रवार को रिहाई नहीं हो सकी और फिर शनिवार दोपहर में मनीष कश्यप की जेल से रिहाई हुई।
जेल से छूटते ही मनीष कश्यप ने बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला, उसने कहा कि बिहार में कंस की सरकार है। रोड़ पर भारी भीड़ देखकर मनीष ने कहा कि यहां सभी को सुरक्षा मिल जाती है लेकिन हमारे लिए रोड़ ही खाली करवा दीजिये। मनीष ने रोड़ पर चल रहे लोगों से हाथ जोड़कर कहा कि मुझे आगे बढ़ने दीजिये नहीं तो ये लोग मुझपर एक और केस कर देंगे।
मनीष कश्यप की गिरफ्तारी को लेकर पूरा मामला शुरू होता है 12 मार्च 2013 से जब हथकड़ी पहने एक व्यक्ति की ट्रेन में यात्रा करते हुए वीडियो अपलोड कि गई, इस मामले में मनीष कश्यप पर एफआईआर दर्ज की गई। उसपर सार्वजनिक भावना को भड़काने का आरोप लगाया गया, उसपर वीडियो से छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया गया। आईपीसी और आईटी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई और मनीष को गिरफ्तार किया गया। उसपर तमिलनाडू में बिहार के लोगों पर हुए कथित अत्याचार को लेकर फर्जी वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया। मनीष कश्यप के वीडियो को तमिलनाडू पुलिस ने फर्जी बताते हुए उसपर केस दर्ज किया था और तमिलनाडू सरकार ने एनएसए के तहत भी कार्रवाई की थी।