पटना : सोमवार को बिहार विधानसभा के बहुमत परीक्षण को लेकर जो राजनीतिक दावपेंच किया गया अब उसकी असलियत सामने आ रही है। जेडीयू के विधायक सुधांशू शेखर ने अपने ही पार्टी के विधायक डॉक्टर संजीव पर जेडीयू के ही दो विधायकों के अपहरण का केस पटना के कोतवाली थाने में दर्ज कराया था।
पहले बीमा भारती और अब दिलीप राय ने अपने अपहरण की खबरों को गलत बताया है। जेडीयू विधायक दिलीप राय ने कहा कि अगर हम अपहरण हुए होते तो मेरे बाल बच्चे मेरे अपहरण का केस दर्ज करवाते, कोई दूसरा क्यों करेगा। मेरा अपहरण हुआ होता तो मेरे माता-पिता, पत्नी या बच्चे मेरे अपहरण का केस दर्ज करवाते, मेरे अपहरण का केस झूठा है। उन्होने कहा कि मै सोमवार को फ्लोर टेस्ट के दौरान मौजूद नहीं था क्योकि मै निजी काम से बाहर गया हुआ था, मै पहले भी जेडीयू के साथ था और अब भी हूं। जेडीयू विधायक ने जो मेरे अपहरण का मुकदमा किया है वो झूठा है। मुझे आरजेडी से कोई ऑफर नहीं आया था, ये कहना गलत है कि मुझे करोड़ों का ऑफर दिया गया।
वही दूसरी ओर बीमा भारती ने कहा कि मेरे बारे में गलत बाते कही गई मै अपने पति अवधेश मंडल के साथ पटना आ रही थी, उनकी तबियत ठीक नहीं थी, लेकिन इसी बीच मोकामा में मेरे पति और बच्चे को थाने में बैठा लिया गया, इसलिए हमको पटना पहुंचने में लेट हुआ। मेरे बारे में गलत में खबर चलाई गई, मेरी अशोक चौधरी, श्रवण कुमार और संजय गांधी से लगातार बात हो रही थी। मै कही गायब नहीं थी।
सोमवार देर शाम बीमा भारती के पति अवधेश मंडल को मोकामा पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर लिया। बीमा ने मीडिया से अपनी बातचीत में विधासभा पहुंचने में लेट का कारण अपने पति और बच्चे के मोकामा थाने में रखे जाने को बताया था न कि अपने अपहरण की बात कही थी। बीमा भारती विधानसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हुए मतदान के बाद आई थी। जेडीयू के अंदर क्या चल रहा है इन प्रकरण से समझा जा सकता है कि जेडीयू के ही विधायक पर जेडीयू के ही विधायक ने जेडीयू के दो विधायकों के अपहरण का केस दर्ज कराया।