रांचीः होटल अशोक के कर्मचारियों ने 15 अप्रैल को अपना धर्म बदलने की घोषणा की है। इन कर्मचारियों ने झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के असहयोगात्मक रवैये से दुखी होकर फैसला लिया है। आंदोलनरत कर्मचारी पंकज कुमार, दीपक कुमार सहाय, ओमप्रकाश, सुरेंद्रलाल शर्मा, जीतू सिंह और वीरेंद्र प्रसाद ठाकुर ने कहा है कि वह लोग अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे है। राज्य के पर्यटन मंत्री से वार्ता भी हुई है लेकिन उनकी समस्याओं का अबतक कोई समाधान नहीं हुआ है।
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होटल अशोक के कर्मचारियों को तीन साल से सैलरी नहीं मिली है। चार महीने से ज्यादा समय से कर्मचारी धरना दे रहे है। प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक अपनी पीड़ा को लेकर पत्र लिख चुके है। कर्मचारियों ने कहा कि भारत पर्यटन विकास निगम को उसके शेयर की राशि का भुगतान करने के बाद भी झारखंड सरकार केंद्र से लगभग पांच वर्ष में भी होटल के शेयर को ले नहीं पायी है। कर्मचारियों ने कहा कि होटल हस्तांतरण में कहीं कोई समस्या नहीं है, लेकिन लगता है कि सभी कर्मचारी अगर स्वैच्छिक सेवानिवृति ले लें तो सात दिनों में होटल हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। कर्मचारियों ने कहा कि उन्हे जान-बूझकर प्रताड़ित किया जा रहा है, ताकि सभी नौकरी छोड़ दें।