रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने 2021 में राज्य सरकार द्वारा बनाये गए उस कानून पर रोक लगा दी है जिसके तहत प्राइवेट सेक्टर में स्थानीय लोगों के 75 प्रतिशत आरक्षण देना अनिवार्य किया था। इस कानून के तहत निजी क्षत्रों की नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देना जरूरी है।
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आदित्यपुर लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसएम रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने कानून पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई की तारीख 20 मार्च 2025 को तय की है। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।
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झारखंड सरकार के कानून को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ता के वकील अमित दास ने बताया कि यह कानून समानता के अधिकार और व्यापार करने में आसानी का उल्लंघन है, यह भेदभाव भी है। इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत कानून को खत्म कर दिया था। हाईकोर्ट का ये फैसला राज्य सरकार के लिए एक बड़ा झटका है।