पलामू के मेदिनीनगर स्थित बालिका गृह का संचालक अपनी शारीरिक रूप से लाचार पत्नी की देखभाल के नाम पर किशोरियों को अपने घर बुलाता था। घर में कई तरह का प्रलोभन देकर उनका यौन शोषण करता था। यहां दो किशोरियों ने संचालक पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया।
यह पीड़ा रांची स्थित शेल्टर होम शिफ्ट की गईं बच्चियों ने बाल कल्याण समिति रांची के अधिकारियों के सामने बयां की। बता दें कि सुरक्षा कारणों से 28 किशोरियों समेत चार छोटी बच्चियों को दो दिन पहले ही पलामू से रांची शिफ्ट किया गया है। रांची में बच्चियों को सुरक्षित और सहयोग पूर्ण वातावरण में रखा जा रहा है, ताकि वे मानसिक रूप से खुद को मजबूत बना सकें।
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रांची में शिफ्ट बच्चियों में कई लातेहार और गढ़वा जिले की भी हैं। इन बच्चियों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। जो बच्ची घर जाना चाहेंगी उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। जिनके परिजनों से संपर्क नहीं हो पाएगा या जो परिजन अपनी बच्ची को घर नहीं ले जाना चाहेंगे, उन सभी को राज्य सरकार के संरक्षण में रखा जाएगा। उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए समुचित व्यवस्था दी जाएगी।
एक दिसंबर को बालिका गृह व विकास इंटरनेशनल संस्था के संचालक राम प्रताप गुप्ता और संस्था की काउंसलर प्रियंका कुमारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। उक्त संस्था तीन वर्षों से बालिका गृह का संचालन कर रही थी। दो दिसंबर को सदर एसडीएम ने किशोरियों के साथ हुई घटना की पुष्टि करते हुए रिपोर्ट सौंपी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संचालक अच्छा खाना, कपड़ा देने का लालच देकर किशोरियों से यौन शोषण करता था। रिपोर्ट के आधार पर पलामू उपायुक्त ने जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी और जिले के सीडब्ल्यूसी समेत काउंसलर को बर्खास्त किया था। आरोपियों के मोबाइल जब्त किए जा चुके हैं। वाट्सऐप चैट समेत अन्य सामग्री की पड़ताल की जा रही है।
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