डेस्क: बुधवार को देश दुनिया में मोहर्रम की 10वीं तारीख पर हजरत इमाम हुसैन की कुर्बानियों को याद किया जा रहा है। शरिया कानून के तहत चलने वाले देश अफगानिस्तान की तालिबान शासन ने मोहर्रम पर छाती पीटने और खुद को मारने पर बैन लगा दिया है। आदेश को नहीं मनाने वाले को कड़े दंड की चेतावनी दी गई है। अफगानिस्तान में मोहर्रम को लेकर बनाये गए नये कानून से पहले शिया धर्म गुरूओं ने इसकी सहमति दे दी है।
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अफगानिस्तान में मोहर्रम को लेकर बनाये गए कड़े नियम
1.मोहर्रम के समारोह केवल मस्जिदों या सरकारी अधिकारियों और शिया विद्वानों की तरफ से बताए गए स्थानों पर ही आयोजित किए जाएंगे
2. शिया आबादी वाले क्षेत्रों में शोक समारोह केवल शिया मस्जिदों में ही आयोजित किए जाने चाहिए, झंडा फहराने का कार्यक्रम केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाएगा
3. शोक मनाने वालों को समूह में नहीं आने के लिए कहा गया है, शोक मनाने वालों को प्रवेश करने के बाद मस्जिदों का दरवाजा बंद कर देना चाहिए, बंद दरवाजे के पीछे ही शोक समारोह मनाए जाएंगे
4. शोक समारोह के दौरान विलाप पाठ और अन्य ऑडियो नहीं बजना चाहिए. झंडे केवल मस्जिदों के पास ही लगाए जाने चाहिए
5 . झंडों और पोस्ट पर किसी भी तरह के राजनीतिक नारे, अनुचित फोटो या दूसरे देशों की शर्तों को लिखना पूरी तरह से मना है
6.जिस जगह पर झंडे वितरित होंगे वह पहले से स्थान तय होना चाहिए, इन समारोहों में सुन्नी मुसलमानों को नहीं बुलाया जाना चाहिए. समारोह में छाती पीटना मना है