पटना: आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के पुराने साथी और 2009 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्रा सीट से उन्हे शिकस्त देने वाले रंजन यादव गुरूवार को आरजेडी में शामिल हो गए। आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने उन्हे पार्टी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले रंजन यादव ने राबड़ी आवास जाकर लालू यादव से मुलाकात की थी।
लालू को हराया था
पाटलिपुत्रा सीट से सांसद रह चुके रंजन यादव ने 2009 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को हराया था। लालू के पुराने साथी रंजन यादव को लालू का राजनीतिक गुरू भी कहा जाता है। माना जाता है कि लालू यादव को राजनीतिक में इंट्री दिलाने और मुख्यमंत्री बनवाने में रंजन यादव की बहुत बड़ी भूमिका रही थी। रंजन यादव दो बार राज्यसभा के सांसद भी रह चुके है। 2009 में जेडीयू ने उन्हे पाटलिपुत्रा सीट से उम्मीदवार बनाया था और उन्होने उस चुनाव में लालू यादव को शिकस्त दी। बाद में जेडीयू से मोहभंग होने के बाद वो कुछ समय के लिए बीजेपी में भी शामिल हुए। राजनीतिक हाशिये में रहे रंजन यादव ने अपनी एक राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल राष्ट्रवादी भी बनाई थी। आरजेडी में शामिल होने से पहले वो जेडीयू के वरिष्ठ सदस्य थे।
मीसा भारती को क्या होगा फायदा
पाटलिपुत्रा लोकसभा सीट से अपनी राजनीतिक पारी खत्म होने के बाद रंजन यादव काफी समय तक जेडीयू में भी हाशिये पर रहे। पाटलिपुत्रा सीट से पिछले दो बार से बीजेपी के रामकृपाल यादव सांसद है इस बार भी बीजेपी ने उन्हे ही उम्मीदवार बनाया है। 2014 और 2019 के चुनाव में लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती रामकृपाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरी और उन्हे हार का सामना करना पड़ा। एक बार फिर मीसा भारती और रामकृपाल यादव इस चुनाव में आमने सामने है। माना जा रहा है कि रंजन यादव के आरजेडी में शामिल होने के बाद मीसा भारती की राह आसान हो सकती है।