रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेएसएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में चयनित 327 अभ्यर्थियों और री काउंसलिंग में चयनित 200 सहायक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा। कुल 527 अभ्यर्थियों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण हुआ। इसके तहत 120 PGT एवं TGT शिक्षक, 200 सहायक शिक्षक, 56 प्रयोगशाला सहायकों, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में 47, पथ निर्माण विभाग में 25, जल संसाधन विभाग में 49, नगर एवं आवास विभाग 28 वाणिज्य कर विभाग, खाद्य, सार्वजानिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग में 1-1, रिम्स, रांची में 03 नवचयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया।
#JPSC के माध्यम से जो परीक्षा हुई है उसपर हो रहा है मीडिया ट्रायल
मीडिया ट्रायल के जरिए सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
(हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री)@HemantSorenJMM @JharkhandCMO @JmmJharkhand @BJP4Jharkhand pic.twitter.com/H1O6D7qlFY
— Live Dainik (@Live_Dainik) September 27, 2024
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मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम चाहते है सारी नियुक्ति पारदर्शी तरीके से हो। सबसे अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हो रही है। वर्षों का इंतजार समाप्त हो रहा है। आज निश्चित रूप से आप लोगों के लिए उत्साह का दिन है, हमें भी खुशी है कि आप लोग सरकार के मजबूत कड़ी के रूप में जुड़ेंगे।राज्य सरकार द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष में 5,403 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों एवं 539 लैब सहायकों की नियुक्ति की जा चुकी है।शिक्षक हमारी प्राथमिकता में रहें हैं। विशेष कर झारखण्ड के लिए कुछ मूल विषय है, जिस पर हमें ईमानदारी से प्रयास करते हुए आगे बढ़ाना है, उसमें शिक्षा का क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा नहीं है कि बच्चे पढ़ाई नहीं करते बल्कि उन्हें व्यवस्था देने की जरूरत है।और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई। आपको पता होगा कि हम लोगों ने जेपीएससी का एग्जाम कंडक्ट कराया और उस परीक्षा का रिकॉर्ड रहा है कि उसे सबसे कम समय में परीक्षा परिणाम सामने लाकर युवाओं को अधिकारी बनाने का काम किया था। कोरोना का बादल छटने के उपरांत विभाग की समीक्षाएं होने लगी तो पता चला कि कई नियुक्ति नियमावली भी नहीं बनी है। कई बहाली में उलझने भी आ गई। कुछ वास्तविक और कुछ दिखावटी उलझने रहीं। हमारे नौजवान ऊर्जावान तो होते ही है।क्योंकि झारखण्ड के नौजवान इतने कमजोर नहीं हो सकते जो 5-10 किलोमीटर चल ना सकें दौड़ ना सकें। हमने इसके लिए मदद मांगी है भारत सरकार से कि इसकी विस्तृत जांच हो। आखिर इसके पीछे वजह क्या है कि बड़ी संख्या में हमारे नौजवानों की जान चली गई। हमें उसका खेद है।इसके लिए तो हमने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है कि हमारे राज्य में इस नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान ऐसी घटना घटी है। अमूमन ऐसी घटनाएं देखने को नहीं मिलती, लेकिन जो घटना हुई है, वह चौंकाने वाला है। हमने कहा है कि इसके तह तक जाने का मेरा प्रयास रहेगा।लगातार परीक्षाएं आयोजित की जा रहीं हैं। मुझे लगता है कोरोना संक्रमण के बाद शारीरिक दक्षता वाला उत्पाद सिपाही बहाली के क्रम में कुछ नौजवान इसमें अपनी जान गवां बैठे हैं, इससे हम लोग बहुत उदास हैं, चिंतित हैं। इस विषय को लेकर बहुत बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जेएसएससी के माध्यम से जो परीक्षा हुई है, उसमें देख रहें हैं कैसे मीडिया ट्रायल चल रहा है। इसके जरिए सरकार को कितना कालिख पोत सकें, इसपर लगे हुए हैं। परीक्षा को लेकर हमलोगों ने संकल्पित होकर काम किया है।JSSC के माध्यम से जो परीक्षा हुई है उसमें हम देख रहें हैं कि कैसे मीडिया ट्रायल चल रहा है। वास्विकता का अता पता नहीं और मीडिया ट्रायल के जरिए सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। परीक्षा को लेकर हम लोगों ने संकल्पित होकर काम किया है....