रांचीः झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के जस्टिस आनंद सेन की पीठ ने अवमानना के एक मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया है। कोर्ट ने आदेश का पालन न करने पर जमानती वारंट जारी कर डीजीपी को शाम 4 बजे पेश करने का निर्देश दिया। जब शाम चार बजे जानकारी मिली की डीजीपी रात साढ़े आठ बजे लैंड करेंगे तो कोर्ट ने रात में 9 बजे सुनवाई करने का निर्देश दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, डॉ. दीनानाथ पांडेय ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। उनका आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने उनके पेंशन की 20% राशि काट ली, जबकि हाई कोर्ट ने इस राशि का भुगतान करने का आदेश दिया था। आदेश के बावजूद भुगतान नहीं हुआ, जिसके बाद अदालत ने 31 जनवरी को अपर मुख्य सचिव को 7 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया था।
डीजीपी ने कोर्ट को क्या बताया?
जब शुक्रवार को शाम 4 बजे सुनवाई शुरू हुई, तो डीजीपी अनुराग गुप्ता ने ऑनलाइन जुड़कर जानकारी दी कि अपर मुख्य सचिव रांची में नहीं हैं और शुक्रवार रात 8:30 बजे लौटेंगे। इस पर अदालत ने डीजीपी को आदेश दिया कि उन्हें शुक्रवार रात 9 बजे कोर्ट में पेश किया जाए।
कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव की गैरमौजूदगी पर नाराजगी जाहिर की। अदालत ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद सचिव ने छुट्टी ली और यह भी स्पष्ट नहीं किया कि वह रांची में रहेंगे या बाहर जाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने ऑनलाइन हाजिर होने की कोई जानकारी भी नहीं दी।
कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अपर मुख्य सचिव कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। यह कोर्ट के आदेशों के साथ खिलवाड़ करने जैसा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अदालत ने दोहराया कि कोर्ट का आदेश सर्वोच्च होता है और उसका पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है।
रात 9 बजे लगी अदालत
रात 9 बजे फिर से कोर्ट बैठा और अजय कुमार सिंह एयरपोर्ट से सीधे हाईकोर्ट पहुंचे जहां उन्होंने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कर लिया गया है इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए पूछा कि जब अनुपालन कर लिया गया था इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई। बाद में कोर्ट ने बॉन्ड जमा करने का आदेश दिया ।