रांचीः झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पिछले दिनों आईआरबी, जैप व एसआईआरबी के 212 जवानों का पदस्थापन जिलों के विभिन्न थानों में मुंशी पद पर करने का आदेश जारी किया था। इस पर जैप एडीजी प्रिया दुबे ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि पुलिस मुख्यालय का आदेश नियमों के खिलाफ है। इसलिए इस आदेश का पालन संभव नहीं है। इसलिए पुलिस मुख्यालय द्वारा 26 दिसंबर 2024 और 25 सितंबर 2025 को दिये गये आदेशों को रद्द करना चाहिए।
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अब अब झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप), इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) व स्पेशल इंडियन रिजर्व बटालियन (एसआइआरबी) की 212 महिला पुलिसकर्मियों का राज्य की थानों में मुंशी के पद पर पदस्थापन का मामला लटक गया है।एडीजी प्रिया दुबे का कहना है कि पदस्थापन के पूर्व न तो उनकी सहमति ली गई और न ही इसके लिए गठित बोर्ड को ही इसकी जानकारी दी गई।
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उन्होंने अपने पत्र में यहां तक लिखा है कि इस तरह का आदेश पूर्व के किसी भी डीजीपी ने जारी नहीं किया है। अब तक जो नियम रहा है उसके अनुसार अपराध नियंत्रण के लिए सशस्त्र बल के जवानों को ही सिर्फ प्रतिनियुक्त किया जाता रहा है।जैप, आइआरबी, एसआइआरबी के पुलिसकर्मियों को जिलों में स्थानांतरण के लिए 28 जनवरी 2025 को एडीजी जैप ने ही एक बोर्ड बनाई थी।बोर्ड का भी अनुमोदन लिए बगैर इन इकाइयों की महिला पुलिसकर्मियों का जिलों में पदस्थापन का आदेश जारी कर दिया गया। यह अनुचित है।एडीजी जैप प्रिया दुबे ने पुलिस मुख्यालय को अपने उक्त आदेश को रद करने की मांग की है और लिखा है कि उक्त आदेश का अनुपालन संभव नहीं है।
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212 महिला पुलिसकर्मियों का किया गया था पदस्थापन
पुलिस मुख्यालय ने जैप, आइआरबी व एसआइआरबी की 212 महिला पुलिसकर्मियों का सभी जिलों में पदस्थापन संबंधित आदेश 25 सितंबर को जारी किया था।इसके बाद ही विवाद खड़ा हुआ।इससे पूर्व यानी 23 जुलाई 2024 व तीन जनवरी 2025 को सीआइडी के तत्कालीन डीजी अनुराग गुप्ता ने 89 महिला सिपाहियों की प्रतिनियुक्ति महिला थाना में कर दी थी।जैप, आइआरबी व एसआइआरबी एडीजी जैप प्रिया दुबे के नियंत्रण के अधीन है। उनकी या उनके माध्यम से गठित बोर्ड की सहमति लिए बगैर पदस्थापन किया जाना उन्हें मान्य नहीं है।अपने इस निर्णय से प्रिया दुबे ने डीआइजी कार्मिक को भी अवगत करा दिया है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि पूर्व में स्थापित परिपाटी व नियमों के अनुसार कभी भी पुलिस मुख्यालय से थाने के मुंशी की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई।







