डेस्कः इजरायल गाजा पट्टी में हमास पर लगातार हवाई हमला कर है। इससे हमास की कमर टूट गई है। इस कड़ी में रविवार तड़के गाजा मस्जिद पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम पांच लोग मारे गए और 20 अन्य घायल हो गए। इसकी जानकारी फलस्तीन अस्पताल ने दी।
मध्य गाजा पट्टी में दीर अल-बलाह में अल-अक्सा अस्पताल के पास मस्जिद पर हमला तब हुआ जब फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल का युद्ध अपनी पहली वर्षगांठ के करीब पहुंच रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हताहतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि मस्जिद का इस्तेमाल विस्थापित लोगों को रखने के लिए किया जा रहा है, वहां काफी लोग थे।
गाजा में 42,000 फिलिस्तीनी मारे गए
इजरायली सेना ने एक बयान में कहा कि उसने हमास के आतंकवादियों पर एक सटीक हमला किया, जो एक इमारत में अंतर्निहित कमांड और नियंत्रण केंद्र के भीतर काम कर रहे थे। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक गाजा पर इजरायल के बाद के सैन्य हमले में लगभग 42,000 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
दशकों पुराने इजरायली-फिलिस्तीनी संघर्ष में नवीनतम रक्तपात तब शुरू हुआ जब फिलिस्तीनी हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया।
गाजा में नरसंहार रोक सकता है भारत : ईरानी राजदूत
भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने शनिवार को कहा कि भारत के इजरायल के साथ अच्छे संबंध हैं। वह शांति प्रक्रिया में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है और गाजा में नरसंहार रोकने के लिए इजरायल को मना सकता है। उन्होंने कहा, भारत एक उभरती हुई और बड़ी शक्ति है। यह गुटनिरपेक्ष आंदोलन का संस्थापक है। हाल ही में इसने ग्लोबल साउथ का झंडा बुलंद किया है। इसलिए नई दिल्ली की कुछ जिम्मेदारी बनती है।
शांति प्रक्रिया की रूपरेखा के बारे में पूछे जाने पर इलाही ने कहा कि एकमात्र समाधान यह है कि एक वंचित राष्ट्र के रूप में फलस्तीनी लोगों को उनका अधिकार दिया जाए। इराज इलाही ने इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले को ‘प्रतिशोध’ करार दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तेहरान के पास तेल अवीव को इस तरह का अपराध दोहराने से रोकने और अपना बचाव करने के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं था।
कार्रवाई के परिणाम हानिकारक और दर्दनाक होंगे
गाजा में नरसंहार जारी है और पश्चिमी देश चुप हैं। इस क्षेत्र में इजरायल के अपराधों को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। उन्होंने इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान के तेल ठिकानों पर हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा। इस तरह की कार्रवाई के परिणाम हानिकारक और दर्दनाक होंगे।