रांचीः दुमका जिले की चार विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल किया। शिकारीपाड़ा से परितोष सोरेन, दुमका से सुनील सोरेन, जामा से सुरेश मुर्मू और जरमुंडी से देवनंदन कुंवर ने अपने पर्चे जमा किए। इस मौके पर चुनाव सह प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नामांकन सभा को संबोधित किया। इस दौरान हिमंत बिस्वा सरमा ने संथाल परगना की डेमोग्राफिक स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संथाल परगना में आदिवासियों और हिंदुओं की संख्या लगातार घट रही है, और इस मुद्दे पर झारखंड हाईकोर्ट ने भी डेमोग्राफिक बदलाव को लेकर चिंता व्यक्त की है।
हिमंता बिश्वा सरमा का बड़ा बयान
सरमा ने अपने पाकुड़ दौरे का जिक्र करते हुए कहा, “कुछ दिन पहले जब मैं पाकुड़ गया था, तब हिंदू बहनों ने मुझसे कहा कि वे अपने ही गांव में सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। उन्होंने बताया कि उन्हें धमकाया जाता है, पीटा जाता है, और मारा जाता है। जो मांस वे नहीं खातीं, उसे उनके घर के सामने फेंक दिया जाता है। यह सिर्फ एक महिला की आपबीती नहीं थी, बल्कि सैकड़ों महिलाओं ने ऐसी घटनाओं की शिकायत की।
Due to unchecked infiltrator settlement, Santhal Parganas area is becoming Mini Bangladesh. To stop this, we will take firm steps
✅️NRC in Jharkhand
✅️Children of infiltrators won’t be given Adivasi status
✅️Spouses of infiltrators cannot be Mukhiyas@BJP4Jharkhand pic.twitter.com/0xz00AuIQu
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 28, 2024
आदिवासी छात्रों पर अत्याचार
सरमा ने आगे कहा कि आदिवासी छात्राओं पर भी अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने बताया, जब मैं एक आदिवासी छात्रावास गया, तो वहां की छात्राओं ने बताया कि पुलिस और घुसपैठियों की मिलीभगत से उनके साथ मारपीट की गई। उन्होंने गायबथान से जुड़े मुद्दे पर विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि वे लगातार उत्पीड़न का सामना कर रही हैं।
असम में घुसपैठ पर लगाम
उन्होंने आगे कहा कि 20 साल पहले असम में घुसपैठ की शुरुआत हुई थी। तब हमारे लोगों ने आवाज नहीं उठाई थी। आज असम में जो घुसपैठ करने की कोशिश करता है, उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। लेकिन आज झारखंड में घुसपैठिए संथाल में आते हैं और आदिवासी बेटियों को फंसाकर शादी कर लेते हैं। इन घुसपैठिए की 2-2 पत्नि होती है और तीसरी पत्नी आदिवासी बेटी को जाल में फंसाकर बनाते हैं। फिर मुखिया का चुनाव लड़ते हैं, और जो घुसपैठ करता है वह मुखिया बन जाता है। इसपर हेमंत सोरेन कुछ नहीं करते हैं, क्योंकि उनको वोट का लालच है। हेमंत सोरेन वोटबैंक के कारण घुसपैठिए पर कुछ नहीं बोलेत हैं।
घुसपैठिए से शादी हुई तो…
हिमंता ने कहा कि झारखंड में भाजपा सरकार बनेगी तब अगर कोई घुसपैठिए हमारी आदिवासी बहन से शादी करता है तो उनका बेटे-बेटी को आदिवासी सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा, यह हमारा वादा है। अगर पिता आदिवासी नहीं है और वह घुसपैठी है तो उसे आदिवासी का दर्जा नहीं दिया जाएगा। भाजपा का वादा है अगर कोई आदिवासी बेटी किसी घुसपैठी से शादी करती है, तो आदिवासी समाज जब तक अधिकृत नहीं करेगी तब तब उस परिवार को मुखिया का चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा।