डेस्कः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नक्सलियों के संघर्ष विराम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर वे हथियार डालकर सरेंडर करना चाहते हैं तो उनका स्वागत है। सुरक्षा बल उन पर एक भी गोली नहीं चलाएंगे, लेकिन कोई संघर्षविराम नहीं होगा। अगर नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं तो उनके लिए फायदेमंद पुनर्वास नीति के साथ स्वागत किया जाएगा। गृह मंत्री ने भरोसा जताया कि देश 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।
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यह पहली बार है कि केंद्र के शीर्ष नेता ने एक पखखाड़े पहले नक्सलियों द्वारा दिए गए संघर्ष विराम प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दी है। ‘नक्सल मुक्त भारत’ विषय पर संगोष्ठी के समापन सत्र को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हाल ही में एक पत्र लिखा गया। उसमें कहा गया कि हम यानी नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं।






