रांची: जेल से छूटने के बाद शनिवार को हेमंत सोरेन पहली बार घर से बाहर निकले और उन्होने बिरसा चौक पर स्थित भगवान बिरसा की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे और राज्यसभा सांसद महुआ माजी मौजूद थी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसके बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि “ये झारखंड सिर्फ झारखंड नहीं है ये वीरों की धरती है। हम वीरों के सपोत हैं हमें डरने की आवश्यकता नहीं है डराने वाले बहुत आएंगे लेकिन वह क्षणभर का तकलीफ होगा अगर हम उस तकलीफ को सह लिए तो निश्चित रूप से मंजिल झारखंडियों के कदम चूमेगी।”
भगवान के घर देर है अंधेर नहीं है। सच्चाई को आप किसी भी चीजों से दफन नहीं कर सकते, वो आज नहीं तो कल उभर कर आता है, और आज उसी का परिणाम है कि फिर से आज आपके बीच में आप सबके लिए, आपको नेतृत्व देने के लिए हम आ गए है। लोकसभा के चुनाव में हम जीते है, लोकसभा चुनाव में जो भी परिणाम हुआ है वो खुशी और दुख का समावेश है फिर भी इस चुनाव के माध्यम से इस राज्य के गरीब गुरबा, आदिवासी मूलवासी को ताकत मिली है। अब बहुत जल्द विधानसभा के चुनाव भी होंगे। मुझे जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार विधानसभा चुनाव समय से पहले कराने की तैयारी है। मै इन्हे चुनौती देता हूं कि चुनाव कल करा लो, परसो इनका सफाया कर देंगे।
हेमंत ने आगे कहा कि मै जेल के अंदर पांच महीनों से था, हमारे जेलों के अंदर आदिवासी, दलित, गरीब कितने ऐसे लोग जेल में थे जिनके तकलीफ को मै बयां नहीं कर सकता। झारख्ंाड खनिज संपदा वाला राज्य है, यहां के खनिज संपदा से पूरे देश का अर्थव्यवस्था चलता है, कई चीजों में सबसे अधिक हम रेवेन्यू देते है। वही बदले में हमें भीख मिलता है। अब ये सब नहीं होगा, अब राज्य और देश के अंदर ऐसा बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा कि गरीब गुरबा आदिवासियों की आवाज सुनी जाएगी। सड़क से सदन तक ऐसे षड्यंत्रकारियों को हमलोग मुंह तोड़ जवाब देंगे, ताकि उनको भी पता चलेगा कि गरीब गुरबा से लड़ने का अंजाम क्या होगा। धन बल के दम पर आज बहुमत होने के बाद बावजूद भी अपने व्यापारी सहयोगियों के साथ सत्ता में काबिज हुए है। यहां झारखंड का राज है तो झारखंडियों की ही सरकार बनेगी। “वे (भाजपा) हमें हर संभव तरीके से गुमराह करने और हमारे रास्ते से भटकाने की कोशिश करेंगे…विधानसभा चुनाव में हमने उन्हें दिखा दिया है कि हम क्या करने में सक्षम हैं। अगले विधानसभा चुनाव के लिए उनका जो सपना है वह सिर्फ ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ के अलावा कुछ नहीं है…”