दिल्लीःझारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर निर्णय लेने में राज्य उच्च न्यायालय द्वारा देरी के खिलाफ शिकायत करते हुए #सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तत्काल सुनवाई की मांग की। SC ने कहा कि वह इस पर गौर करेगा ।
फैसला तो दे देना चाहिए
हेमंत सोरेन की ओर से वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा है कि झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर सुनवाई 26 फरवरी को पूरी हो चुकी है लेकिन अभी तक फैसला नहीं आया है । उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। कपिल सिब्बल ने जस्टिस संजीव खन्ना की अदालत में कहा कि हाईकोर्ट में हो रही देरी की वजह से उनके मुवक्किल हेमंत सोरेन ना आगे जा पा रहे हैं ना पीछे । कम से उन्हें फैसला सुना देना चाहिए । इस याचिका पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि वे चीफ जस्टिस के सचिवालय को ईमेल करें । सिब्बल ने कहा कि वो ईमेल कर चुके हैं। इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश इस पर फैसला लेंगे ।
CJI करेंगे फैसला
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि वह सुनवाई की तारीख तय नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा करना भारत के मुख्य न्यायाधीश का काम है। जस्टिस खन्ना ने कहा कि “वहाँ एक प्रक्रिया निर्धारित है। आप एक ईमेल भेजें जिसे भारत के मुख्य न्यायाधीश देखेंगे”। इस पर सिब्बल ने शिकायत की कि अगर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने के लिए हाई कोर्ट को चार सप्ताह का समय और दे देता है, तो याचिका का एक मुख्य उद्देश्य विफल हो जाएगा। उन्होंने कहा, “यह बहुत दुखद है।” झारखंड में लोकसभा सीटों के लिए 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को मतदान होगा
पहले भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका हुई थी दायर
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता ने कथित भूमि घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार होने से पहले 31 जनवरी की शाम को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उनकी गिरफ्तारी राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ मिनट बाद हुई। इस याचिका में उन्होंने इस आधार पर गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी थी कि ईडी की कार्रवाई अवैध और राजनीतिक विचारों से प्रेरित थी।
झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका
जब शीर्ष अदालत ने 2 फरवरी को उनकी याचिका पर सुनवाई की, तो पहले सोरेन की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और इसके बजाय उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय में मामला दायर करने का निर्देश दिया। हेमंत सोरेन ने उच्च न्यायालय के समक्ष भी अलग से एक याचिका दायर की है, अदालत ने उनसे राज्य में अपने मामले को आगे बढ़ाने के लिए कहा, लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय के लिए समय सीमा निर्धारित करने से इनकार कर दिया।
फर्जी रिकॉर्ड बना कर जमीन खरीदने का आरोप
ईडी ने दावा किया है कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि झामुमो नेता रांची में कथित भूमि संबंधी अनियमितताओं में मुख्य लाभार्थी हैं, जहां दलालों और व्यापारियों का एक नेटवर्क कथित तौर पर रजिस्ट्रार कार्यालयों में फर्जी रिकॉर्ड बनाकर जमीन के पार्सल के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के लिए वर्षों से काम कर रहा था। और आगे उन्हें बेच रहे हैं।
अमित अग्रवाल की गिरफ्तार के बाद कई खुलासे
माना जाता कि पिछले साल 7 जून को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए कोलकाता के व्यवसायी अमित कुमार अग्रवाल के बयान की वजह से हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई । अग्रवाल पर झारखंड के कई नेताओं के फंड हैंडलर होने का आरोप है । ईडी ने 12 जून, 2023 को कथित भूमि घोटाले में पहले ही आरोप पत्र दायर कर दिया है, जिसमें अमित अग्रवाल, भारतीय प्रशासनिक अधिकारी (आईएएस) छवि रंजन और आठ अन्य व्यक्तियों – दिलीप कुमार घोष (अग्रवाल के करीबी सहयोगी), प्रदीप बागची, को नामित किया गया है। अफसर अली (जमीन संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेज बनाने वाला कथित सरगना), मोहम्मद सद्दाम हुसैन, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, फैयाज अहमद, भानु प्रताप प्रसाद भी गिरफ्तार हैं।
हेमंत सोरेन को ED ने किया है गिरफ्तार
गौरतबल है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने इक्कत्तीस जनवरी को रांची से उनके ही आवास से गिरफ्तार कर लिया था । उन पर अवैध तरीके से जमीन खरीदने का आरोप है । पीएमएलए कोर्ट में ईडी उनके खिलाफ चार्जशीट दायर कर चुकी है ।ॉ
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