रांचीः जेएमएम-बीजेपी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताई और जांच के निर्देश दिए हैं । आयोग ने पूछा है कि किन परिस्थितियों और किसकी इजाज़त लेकर प्रेस कॉन्फ़्रेंस की गई है इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं । गौरतलब है कि पहले जेएमएम की ओर से सुप्रीयो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की थी फिर बीजेपी ने भी आरोपों पर अपनी प्रेस वार्ता की ।
जेएमएम ने बीजेपी पर लगाए आरोप
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए। भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी ने साइलेंट पीरियड के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए प्रचार अभियान चलाया है। उन्होंने कहा, “बीजेपी झारखंड में प्रबुद्ध मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए प्रचार कर रही है, जो कि आचार संहिता के खिलाफ है। इस संबंध में हमने चुनाव आयोग को एक पत्र भी भेजा है।”
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (झारखंड) को भाजपा झारखंड के अधिकारिक सोशल मीडिया @X हैंडल (BJP4Jharkhand) के द्वारा झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए लागू “आदर्श आचार संहिता” का उल्लंघन करते हुए प्रचार प्रसार करने के विरुद्ध प्रतिबंध लगाकर सख्त एवं त्वरित कार्रवाई करने के संबंध मे… pic.twitter.com/MyYpgAGWoo
— Vinod Kumar Pandey (@VinodPandeyJMM) November 19, 2024
हिमंता पर सुप्रियो का हमला
भट्टाचार्य ने दावा किया कि असम के मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाई के बाद, बीजेपी अपने चुनावी अभियान में संलिप्त है। उन्होंने चंदनक्यारी में सेंट्रल फोर्स के साथ जेएमएम और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प को भी उजागर किया और कहा कि बीजेपी बंगाल के चुनावी मॉडल को झारखंड में लागू करने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी समर्थकों पर मारपीट का आरोप
इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि दुमका में अग्रसेन भवन और देवघर शहर के होटल्स में बीजेपी के समर्थक और बाहरी नेता खुलेआम धन वितरण कर रहे हैं। भट्टाचार्य ने सवाल उठाया, “क्या बीजेपी के लिए अलग कानून है?” उन्होंने चुनाव आयोग से इस पर तत्काल कार्रवाई की मांग की, क्योंकि इस तरह के मामले चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
बीजेपी ख़रीद रही है कैंडिडेट
भट्टाचार्य ने एक और बड़ा आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने कहा, “बीजेपी ने अब कैंडिडेट खरीदने की नई दिशा अपनाई है। पहले तो सुना था कि विधायक खरीदे जाते थे, लेकिन अब कैंडिडेट भी खरीदे जा रहे हैं। ये वही कैंडिडेट हैं जिनकी संपत्ति पहले हजारों करोड़ रुपये की थी।”