दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने अवैध किडनी प्रत्यारोपण के धंधे में शामिल गिरोह का खुलासा किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सात ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने या तो किडनी खरीदी थी या बेची थी। पुलिस ने बताया कि छह राज्यों दिल्ली, यूपी, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा के 11 अस्पतालों में इनका जाल फैला था।
डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि 26 जून को एक महिला ने ठगी की शिकायत की थी। महिला ने संदीप और विजय कश्यप उर्फ सुमित पर 35 लाख की ठगी का आरोप लगाया था। महिला के पति की दोनों किडनियां खराब हो गईं थीं। आरोपियों ने उसे किडनी दिलाने से लेकर प्रत्यारोपण कराने तक की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और ना ही उसके रुपये वापस किए।
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महिला की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर 26 जून को नोएडा से विजय कश्यप को गिरफ्तार किया। उसके कब्जे से किडनी प्रत्यारोपण के मरीजों और बेचने वालों की फाइल, मोहर, अस्पतालों के खाली कागज मिले। इसके बाद पुलिस ने गोवा में छुट्टियां मना रहे संदीप आर्या और देवेंद्र को गिरफ्तार किया।
पुलिस को पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि संदीप आर्या गिरोह का सरगना है। उसकी जानकारी के आधार पर पांच और सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही पांच किडनी प्रत्यारोपण कराने वाले और दो किडनी बेचने वालों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पहले भी बांग्लादेशी नागरिकों के किडनी प्रत्यारोपण से जुड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक डॉक्टर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह बांग्लादेशी नागरिकों को यहां लाकर किडनी प्रत्यारोपण कराता था।
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