लोहरदगा: जेएमएम विधायक चमरा लिंडा ने कांग्रेस पार्टी की टेंशन बढ़ा दी है। बिशुनपुर से जेएमएम विधायक चमरा लिंडा अपने गठबंधन के उम्मीदवार सुखदेव भगत के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर आये है। कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ जेएमएम विधायक के उम्मीदवार बनने को कांग्रेस ने बड़ी गंभीरता से लिया है और गुरूवार को कांग्रेस लोहरदगा में बड़ी बैठक कर रही है जिसमें लोकसभा चुनाव में जीत और चमरा लिंडा के गठबंधन धर्म को तोड़ने के बाद आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
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चमरा करेंगे शक्ति प्रदर्शन
चमरा लिंडा भंडरा में गुरूवार को एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने वाले है इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। इस रैली के माध्यम से चमरा अपने चुनाव अभियान की शुरूआत तो करेंगे ही अपना शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे। जेएमएम द्वारा स्टार प्रचारकों में शामिल किये जाने के बाद भी चमरा का बागी बने हुए है। इससे पहले सुखदेव भगत के नामांकन के दिन भी मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने गठबंधन के सभी विधायकों को सुखदेव भगत के समर्थन में प्रचार करने और अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार को ज्यादा से ज्यादा वोट दिलाने का आग्रह किया था और बिना नाम लिये चेताया भी था कि अगर जो विधायक ऐसा नहीं करेंगे आने वाले विधानसभा चुनाव में उनको टिकट देते समय इसका ध्यान रखा जाएगा। लेकिन गठबंधन के बड़े नेताओं की चेतावनी के बाद भी चमरा ने न तो अपना नाम वापस लिया न ही अपने चुनाव अभियान को रोका। अब चमरा के इस रूख के बाद जेएमएम पर सबकी निगाह है कि वो अब चमरा को लेकर क्या फैसला करती है। 2009 के चुनाव में चमरा लिंडा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए थे और दूसरे नंबर पर रहे थे, उस चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही थी और बीजेपी उम्मीदवार सुदर्शन भगत की जीत हो गई थी।
कांग्रेस की अहम बैठक
वही दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने चमरा लिंडा के चुनाव मैदान में उतरने को काफी गंभीरता से लिया है। पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं की गुरूवार साढ़े तीन बजे लोहरदगा में बैठक होगी। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री रामेश्वर उरांव, पार्टी के उम्मीदवार सुखदेव भगत, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुखैर भगत के साथ जिला कांग्रेस कमिटी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने और चमरा लिंडा के उम्मीदवारी के बाद की रणनीति पर चर्चा होगी। कांग्रेस की इस बैठक में चमरा लिंडा के खिलाफ जेएमएम द्वारा कार्रवाई करने में हो रही देरी और जेएमएम की ओर से सुखदेव भगत के समर्थन और चमरा लिंडा के विरोध में स्पष्ट बयान देने को लेकर भी कहे जाने पर चर्चा होगी। चमरा लिंडा के चुनाव मैदान में उतरने के बाद की स्थिति का आकलन इस बैठक में किया जाएगा। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस बैठक के बाद जेएमएम पर कड़े फैसले लेने का दवाब बना सकती है। हालांकि कांग्रेस के कुछ नेताओं का तर्क है कि चमरा लिंडा के प्रभाव क्षेत्र वाले इलाके में 2019 के चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिली थी, ऐसे में चमरा लिंडा के चुनाव मैदान में उतरने से बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी होगी न कि कांग्रेस के वोट बैंक में।