गोड्डा : बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शंकराचार्य से की है। उन्होने राम मंदिर , प्रधानमंत्री और शंकराचार्य का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से शंकराचार्य अकेले रहते है, समाज के लिए जीते है वैसा ही जीवन नरेंद्र मोदी जी रहे है। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्य के विरोध को लेकर उन्होने कहा कि ये ब्रह्रनिकल डिसऑडर है।
पीएम मोदी की शंकराचार्य से तुलना करते कहा कि मोदी ही शंकराचार्य है, उन्होने कहा कि शंकराचार्य एकल और संयमित जीवन जीते हैं तो पीएम मोदी भी एकल जीवन जी रहे हैं, तपस्वी की तरह रहते हैं, ग्यारह दिनों तक उपवास पर हैं. आने वाले कुछ दिन वो पलंग पर नहीं सोएंगे, उन्होंने कहा कि हमें ब्रह्मनिकल डिसऑर्डर से बाहर निकलना होगा, सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि अभी विचारों में परिवर्तन का दौर है।
निशिकांत दुबे ने कहा ये संथाल और भगालपुर का इलाका परिवर्तन की भूमि है. जब भगवान श्री राम की एक ही बहन थी, जिनका नाम शांता था, उनको मौसी के यहां लालन-पालन के लिए भेज दिया गया था,उनकी शादी ऋषि श्रृंगी से हुई, यह परिवर्तन का एक बड़ा प्रमाण है,एक क्षत्रिय कन्या की शादी ब्राह्मण लड़के से हुई।
वहीं एक दूसरा उदाहरण महाभारत काल का जब अंग प्रदेश ने एक सूत पुत्र कर्ण को अपना राजा स्वीकार किया, ऐसे ही सदा से ही अंग की धरती पर कर्म के आधार पर व्यक्ति की पूजा हुई है। लोग अपने कर्म से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शुद्र हुए हैं, ऐसे में यह सोचने का वक्त है कि हमें ब्रह्मनिकल डिसऑर्डर से बाहर आना होगा।