रांची : ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र कुमार राम की पत्नी राजकुमारी और उनके पिता गेंदाराम सहित चार लोग फरार है। अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। निचली अदालत से राहत नहीं मिलने पर इन दोनों के अलावा वीरेंद्र के सीए मुकेश मित्तल और एक सहयोगी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
पीएमएलए कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद जब चारों पकड़ में नहीं आए तो ईडी ने कोर्ट से इश्तेहार चिपकाने की मंजूरी ले ली है। अब इन चारों के ठिकानों पर जल्दी ही इश्तेहार चिपकाया जाएगा। इसके बाद भी अगर उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई या सरेंडर नहीं हुआ तो उनके घर की कुर्की जब्ती की जा सकती है। चारों आरोपियों के कारण वीरेंद्र राम से जुड़ा केस करीब 11 महीने से लंबित है। ईडी ने वीरेंद्र राम को 22 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में बंद है। जांच एजेंसी ने 21 अप्रैल 2023 को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें वीरेंद्र राम के पिता, पत्नी और मुकेश मित्तल और एक सहयोगी का नाम है।
वीरेंद्र की पत्नी राजकुमारी पर आरोप है कि उसके नाम नई दिल्ली के साकेत और डिफेंस कॉलोनी में अचल संपत्ति है, इस संपत्ति की खरीददारी वीरेंद्र राम ने प्रोसिडस ऑफ क्राइम से की गई है। राजकुमारी ने जान बूझकर पति के द्वारा अर्जित आय को छिपाने की कोशिश की और कमीशन से वसूली गई रकम से संपत्ति खरीदी। वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम ने जानबूझकर अपने बेटे के कमीशन या रिश्वत की रकम से नई दिल्ली में 22.50 करोड़ रूपये की अचल संपत्ति अपने नाम पर खरीदने में मदद की। गेंदा राम के बैंक खाते में 4.55 करोड़ रूपए का क्रेडिट दर्शाया गया है। जो प्रोसिड्स ऑफ क्राइम है। वही मुकेश मित्तल पर वीरेंद्र राम की काली कमाई के 14 करोड़ रूपये सफेद करने का आरोप है। इसकी एवज में उसे मोटी रकम कमीशन के रूप में मिलती थी। इसके लिए उसने कर्मचारियों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया था।