बिहार में जमीन का सर्वे करने वाले कर्मियों के मानदेय में 4 से 10 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। दीपावली के मौके पर राज्य सरकार ने इन कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। इन्हें बढ़े हुए मानदेय का लाभ इसी वर्ष 1 अगस्त के प्रभाव से मिलेगा। सर्वे कार्य में मानदेय पर बहाल 6 पदों के कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की गई है।
इस फैसले से करीब 14 हजार कर्मियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह नए और पुराने सभी कर्मियों पर लागू होगा। सबसे अधिक बिहार सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के मानदेय में 10 हजार रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे 55 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 65 हजार कर दिया गया है।
इस प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल का अनुमोदन प्राप्त है। भू-अभिलेख एवं परिमाप की निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने इससे संबंधित आदेश बुधवार को जारी कर दिया है। इस मामले को लेकर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति ने 6 अगस्त को मानदेय में बढ़ोतरी का निर्णय लिया था।
विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा है कि सरकार ने वादे के मुताबिक मानदेय बढ़ाया है। अब उम्मीद है कि कर्मी भी सर्वेक्षण के कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे और निर्धारित समय में संपन्न करेंगे। इसके अलावा राज्य सरकार ने संविदा पर काम कर रहे कनीय अभियंताओं को दीपावली का शानदार तोहफा दिया है।
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पांच वर्षों के बाद उनके मासिक मानदेय में भारी बढ़ोतरी की गयी है। अब उन्हें हर महीने 36 हजार के स्थान पर 60 हजार रुपए मिलेंगे। इसका लाभ राज्य सरकार के सभी विभागों में काम करने वाले 1627 कनीय अभियंताओं को मिलेगा। इसमें इसके पहले कनीय अभियंताओं का मासिक मानदेय 2019 में 36 हजार निर्धारित किया गया था।
यह जानकारी देते हुए संसदीय कार्य व जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि कनीय अभियंताओं के मानदेय में 67 फीसदी की वृद्धि का फैसला राज्य सरकार ने लिया है। पहली अक्टूबर से मानदेय वृद्धि का निर्णय प्रभावी होगा।