गुमला : लोहरदगा जिले से 51 किलोमीटर दूर सुंदर और घने पहाड़ों के बीच भगवान हनुमान की जन्मस्थली कहे जाने वाली आंजन धाम में भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है। इस ख्यातिप्राप्त मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते है। यहां माता अंजनी की गोद में बैठे बाल रूपी हनुमान की पूजा होती है। इस क्षेत्र के लोग आज भी खुद को हनुमान का वंशज मानते हैं। यह ऋषिमुनियों की तपोभूमि भी रही है। पहाड़ पर स्थित मुख्य मंदिर पर चढ़ने से आसपास के गांवों का नजारा काफी सुंदर दिखता है।पहाड़ पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन रास्ते हैं. एक रास्ता बीच से है, जो पक्की सीढ़ी की बनी हुई है। वहीं बायीं और दाहिनी ओर से ऊपर मंदिर जाने के लिए एक-एक रास्ता है. जिसमें बीच वाले सीढ़ीनुमा रास्ते एवं बायीं ओर के पगडंडी वाले रास्ते में रूफ फ्रेमिंग (शेड) का निर्माण किया गया है। मंदिर में चबूतरा एवं मंदिर के ऊपर बांस छत बनाने एवं रंगरोगन सहित अन्य फिनिशिंग का काम चल रहा है। मंदिर की सीढ़ी पर चढ़ने पर बांस की छत सुंदरता बढ़ाती है।
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आंजन गांव स्थित मंदिर में अंजनी माता, भगवान हनुमान, राधा कृष्ण, राम लक्ष्मण व सीता समेत भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। यहां 365 शिवलिंग व उतने ही तालाब हैं। आंजन पहाड़ी पर स्थित चक्रधारी मंदिर में आठ शिवलिंग दो पंक्तियों में स्थापित हैं। मंदिर के नीचे सर्प गुफा है, पहले गुफा में मिट्टी का एक टीला था, गुफा पूरी तरह बंद था और वहीं सांप को देखा जाता था, लेकिन दो साल पहले गुफा के रास्ता को खोल दिया गया है। 15 सौ फीट से अधिक लंबी गुफा के अंदर रास्ता है, आंजनधाम लोहरदगा से 51 किमी दूर है। गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क है, गांव के बाद मुख्य मंदिर तक जाने के लिए भी सड़क बन गयी है। यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है.लोहरदगा में होटल में रुका जा सकता है। वहां जाने के लिए पानी व खाने पीने के समान साथ में लेकर जाना होगा। यह पूरा इलाका ग्रामीण क्षेत्र है. आने जाने के लिए टेंपो की सुविधा है।