हजारीबागः झारखंड पुलिस ने बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। डंकी रूट से बेरोजगार युवकों को अमेरिका भेजनेवाले पांच आरोपियों को हजारीबाग पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये आरोपी मोटी राशि लेकर युवकों को गैरकानूनी तरीके से अमेरिका में नौकरी दिलाने का झांसा देकर भेजते थे। गिरफ्तार आरोपियों में टाटाझरिया के भराजो गांच का उदय कुमार कुशवाहा, टाटीझरिया बुध बाजार का दर्शन प्रसाद, केसुडा का लाल मोहन प्रसाद, भराजो का चोहन प्रसाद और मेरू का रहने वाला शंकर प्रसाद शामिल है। उदय कुशवाहा इसका मास्टरमाइंड था।
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जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग जिले के टाटीझरिया थाना क्षेत्र के भरजो गांव निवासी सोनू कुमार ने 30 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया कि अमेरिका में कारोबार करने वाला उदय कुमार कुशवाहा ने झूठे दस्तावेज और नौकरी का लालच देकर उसे ब्राजील भेजा। उसकी योजना यह थी कि साल 2024 में ‘डंकी रूट’ के जरिए उसे अमेरिका पहुंचाया जाएगा।
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इसी तरह उदय कुशवाहा और उसके सहयोगियों ने हजारीबाग के दारू थाना क्षेत्र के जरगा गांव के रहने वाले विकास कुमार और पिंटू कुमार को भी अमेरिका में नौकरी का झांसा दिया। उनको दिल्ली के रास्ते ब्राजील रवाना कर दिया। लेकिन ब्राजील पहुंचते ही तीनों युवकों को स्थानीय मानव तस्करों के हवाले कर दिया गया। इसके बाद उन्हें गुप्त रास्तों से अमेरिका की ओर धकेला गया।हजारीबाग पुलिस ने अवैध DONKEY गिरोह का किया उद्भेदन।पुलिस अधीक्षक हजारीबाग ने टाटीझरिया कांड संख्या 32/25 का उद्भेदन किया 6 लोगों को सकुशल वापस लाया जिन्हें नौकरी के नाम पर ठगा जा रहा था।इसमें 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
हजारीबाग पुलिस ने अवैधDONKEY गिरोह का किया उद्भेदन।
पुलिस अधीक्षक हजारीबाग ने टाटीझरिया कांड संख्या 32/25 का उद्भेदन किया 6 लोगों को सकुशल वापस लाया जिन्हें नौकरी के नाम पर ठगा जा रहा था।इसमें 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया@JharkhandPolice @DGPJH@Michaelraj_ips@IGBokaro pic.twitter.com/2gqybLlX5i
— Hazaribagh Police (@HazaribagPolice) August 2, 2025
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क्या है डंकी रूट
अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए जो रास्ता अपनाया जाता है, उसे डंकी रूट कहा जाता है। डंकी शब्द पंजाबी भाषा के डंकी से आया है। जिसका अर्थ एक दूसरे स्थान पर कूदना होता है। सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती हे। इसमें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है। इस रूट से विदेश यात्रा करने वालों को मानव तस्करों को अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है।
बंधक बने युवक और हुई पैसों की वसूली
सोनू कुमार का कहना है कि इस दौरान उन्हें बोलीविया, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा, कोस्टा रिका, होंडुरास और ग्वाटेमाला होते हुए ले जाया गया। इस सफर में माफियाओं ने उन्हें बंधक बनाए रखा। वहीं, उदय कुशवाहा ने भारत में सोनू के पिता को फोन कर पैसों की मांग की थी। मजबूर होकर पिता ने पैतृक जमीन बेच दी उदय के रिश्तेदारों को अलग-अलग माध्यमों से रुपए दे दिए।
अमेरिकी सीमा पर गिरफ्तारी और वापसी
पीड़ित ने बताया कि अमेरिका की सीमा पर पकड़ लिए जाने के बाद उन्हें पहले मैक्सिको सिटी और फिर सैन डिएगो होते हुए हिरासत केंद्र भेजा गया। वहां उन्होंने चार महीने बिताए और मार्च 2025 में भारत वापस भेज दिए गए। घर लौटने के बाद जब सोनू ने पैसे लौटाने की मांग की तो उदय कुशवाहा और उसके भाई चौहान प्रसाद ने उनके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी भी दी।
मास्टरमाइंड समेत 5 आरोपी दबोचे गए
सके बाद सोनू कुमार ने हिम्मत कर आरोपियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने उप-मंडल पुलिस अधिकारी (विष्णुगढ़) बैजनाथ प्रसाद के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई। छापेमारी में मास्टरमाइंड उदय कुमार कुशवाहा समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उदय कुशवाहा का मोबाइल फोन जब्त कर लिया, जिससे कई खुलासे हुए।
वर्षों से नेटवर्क चला रहा था उदय कुशवाहा
पुलिस को उदय कुशवाहा के मोबाइल फोन में सोनू के पिता से व्हाट्सएप चैट, उसकी पत्नी की बैंक जमा रसीदें, संदिग्ध रास्तों से भेजे गए लोगों की सूची और उनसे वसूली गई रकम का पूरा ब्यौरा मिला।जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह ने 2013 से 2022 के बीच कम से कम 12 लोगों को अमेरिका भेजा। इनमें आठ को 2022, दो को 2019 और एक-एक को 2013 और 2018 में भेजा गया था।







