जमशेदपुर : आरक्षण को लेकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण ने आरक्षण को लेकर अपनी बात स्पष्ट शब्दों में कह दिया है। उन्होने कहा कि झारखंड सरकार राजनीतिक लाभ के लिए 77 फीसदी आरक्षण को लागू करना चाहती है। ये बिल राजभवन भेजा गया, ऐसे बिल को संवैधानिक तौर पर खारिज करना होगा, क्योकि सुप्रीम कोर्ट ने भी 77 फीसदी आरक्षण को गलत ठहरा दिया है। ऐसे में उस बिल को कैसे मंजूरी दी जा सकती है।
उन्होने कहा कि वे आरक्षण के विरोधी नहीं है, वे चाहते है कि जो वर्ग या समुदाय नीचे है, उन्हे आगे लाया जाये, लेकिन उनके पास जो बिल भेजा गया था वह असंवैधानिक था। उन्होने कहा कि सिर्फ राजभवन पर आरोप लगाना गलत है, झारखंड सरकार को यह बताना चाहिए कि राजभवन में कितने बिल पेंडिंग है। हां असंवैधानिक बिल को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
राज्यपाल ने आगे कहा कि उन्होने रिक्तियों को भरने के लिए राज्य सरकार को लिखा है। उन्हे अलग से पब्लिक सर्विस कमीशन बनाने की सलाह दी है ताकि उसके माध्यम से शिक्ष और शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति की जा सके। अलग आयोग बनाकर अगर बहाली की जायेगी तो निश्चित तौर पर आसानी के साथ बहाली हो सकेगी।