रांची : अपने बगावती तेवर को लेकर चर्चा में रहने वाले जेएमएम विधायक लोबिन हेम्ब्रम का बीजेपी प्रेम जग रहा है। उन्होने विधानसभा में बोलते हुए अपनी ही सरकार को घेरा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ की। उन्होने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर झारखंड अलग हुआ ंथा, उसका हल अब भी नहीं हुआ है। इसके लिए कौन दोषी है, सरकार श्वेत पत्र जारी करें। अटल बिहारी वाजपेयी ने ही झारखंड अलग राज्य का निर्माण किया, वे सदैव झारखंड के पक्ष में रहे है, जब अवसर आया उन्होने उपहार दिया। यह सच्चाई है। जो गुरूजी का सपना था हम उसके बारे में बोलते है। आज झारखंड में सीएनटी-एसपीटी एक्ट है तभी मूलवासी और आदिवासी यहां है। अगर वह एक्ट नहीं होता तो सारे आदिवासी पेड़ के नीचे होते।
राजमहल लोकसभा सीट को लेकर अपनी दावेदारी पर उन्होने कहा कि राजमहल की जनता विजय हांसदा के खिलाफ है। मै विजय हांसदा के खिलाफ प्रचार करूंगा। उनको हराने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोडूंगा। ऐसा नही है कि विजय हांसदा से मेरी कोई अदावत है। उन्हे तो हमलोगों ने दिन-रात मेहनत कर जिताया और संसद में भेजा। लेकिन वह क्षेत्र में आते ही नहीं है। ऐसे में हमलोग ऐसे व्यक्ति को फिर से संसद कैसे भेज सकते है। हेमलाल मुर्मू और विजय हांसदा में से ही कोई एक झामुमो का उम्मीदवार क्यों बने। कोई दूसरा कार्यकर्ता भी राजमहल से उम्मीदवार हो सकता है। हेमलाल मुर्मू तो वामपंथी थे, गुरूजी ने मुझसे पूछा था कि क्या किया जाए, हमने तो साफ कह दिया था कि हमें विश्वास नहीं। बाद में वे कई बार सांसद बने, विधायक बने और मंत्री भी रहे। फिर बीजेपी में चले गए। अब भाजपा से भागकर फिर झामूमो में आए है। ऐसे में उन्हे क्यों उम्मीदवार बनाया जाएगा। आने वाले दिनों में इन दोनों को हराने के लिए मुझे निर्दलीय भी चुनाव में उतरना पड़ा तो वह भी करेंगे। हम समझ रहे है कि इनके कारण पार्टी हारने वाली है। हम गुरूजी के चेला है बीजेपी नहीं जाएंगे।