रांची: झारखंड में पेसा कानून जल्द लागू हो इसको लेकर केंद्रीय पंचायती राज मंत्री प्रोफेसर एसपी बघेल ने झारखंड की ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह को पत्र लिखा है। पत्र में जानकारी दी गई है कि पंचायत उपबंध(अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 1996(संक्षेप में पेसा अधिनियम) को 1996 में लागू किया गया था। इस अधिनियम के अनुसरण में झारखंड सहित दस पेसा राज्यों ने पेसा अधिनियम को अपने अपने राज्यों में लागू करने के लिए, अपेन राज्य पंचायती राज अधिनियमों में संशोधन किया है। इसके अलावा पेसा अधिनियम के प्रावधानों को अक्षरशः लागू करने के लिए, पेसा राज्यों को अपने-अपने पेसा नियम तैयार करना अनिवार्य है। पंचायती राज मंत्रालय की ओर से वर्ष 2009 में मॉडल पेसा नियम सभी पेसा राज्यों को परिचालित किए गए थे। अब तक, झारखंड और ओडिशा को छोड़कर, शेष आठ पेसा राज्यों ने अपने राज्य में पेसा नियम बना लिए हैं।
गिरिडीहः दबंगों ने बंद करा दी पढ़ाई-लिखाई तो मास्टर साहब ने खेतों में लगा दी क्लासें
अपने पत्र में केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी बघेल ने आगे कहा है कि झारखंड में पेसा नियम अभी तक नहीं बनाये गए है। जबकि पंचायती राज मंत्रालय पेसा अधिनियम पर राज्य को नियम तैयार करने के लिए समय पर चर्चा और बैठक करता रहा है। यह भी कहा है कि पंचायती राज मंत्रालय के संज्ञान में है कि झारखंड में 26 जुलाई 2023 को झारखंड पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियमावली, 2022 के औपबंधिक प्रारूप को अधिसूचित किया गया है, लेकिन इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने मंत्री दीपिका से कहा है कि पेसा नियमावली पर व्यक्तिगत स्तर पर देखें और इसे जल्द अधिसूचित करवाना सुनिश्चित करें।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने भी पेसा कानून को 2 महीने के अंदर लागू करने का आदेश दिया है। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण राय 29 जुलाई को ही फैसला सुना चुके थे लेकिन अब तक लागू नहीं होने के कारण लागू के कारण फिर से राज्यसरकार को अल्टीमेटम दिया गया।बता दें कि पेसा कानून को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में 3 याचिकाएं दायर की गई हैं।