रांचीः झारखंड में विदेशी निवेश बहुत कम रहा है। 2016 में यूएसए और कनाडा में विदेश यात्रा के दौरान बहुत निवेश नहीं आया । यूरोप पर भी ध्यान नहीं दिया गया है । हेमंत सोरेन की विदेश यात्रा के दौरान झारखंडम में विदेशी निवेश की संभावनाओं को बताते हुए वरिष्ठ अधिकारी अरवा राजमकल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि झारखंड में दुर्भाग्यवश स्पेन का कोई निवेश झारखंड में नहीं जबकि गुजरात में प्लेन बना रहा है । स्वीडन के बारे में भी अरवा राजकमल ने यही बातें कहीं ।
हेमंत सोरेन के दो देशों की यात्रा को लेकर जो उच्च-स्तरीय दल साथ गया था उसी को लेकर रांची में अधिकारियों प्रेस कॉन्फ्रेंस किया । अरवा राजकमल ने बताया कि झारखंड में कई जियोलॉजिकल साइट है खासतौर से सिंहभूम में हैं जहां पहली बार धरती नजर आई उसे लेकर खास तरह की योजना बनाने की जरुरर है । कैटोलिना में पुरानी खदानों के दौरे पर बताते हुए राजकमल ने बताया कि झारखंड में कई खदान है जहां माइंस टूरिज्म को लेकर काम किया जा सकता है ।
अधिकारियों ने बताया कि फूटबॉल को लेकर कई महत्वपूर्ण बात हुई है । स्पेन के फुटबॉल कोच झारखंड के कोच को ट्रेनिंग देने पर एमओयू का रास्ता साफ हुआ है । चेक रिपब्लिक के टेस्ला ग्रुप से भी बात हुई है । झारखंड में टेस्ला ग्रुप निवेश करने के लिए तैयार हुआ है । इस पर बाचतीत हुई है । टेस्ला बड़ी बैट्रियां बनाती है। टाटा कंपनी ने टेस्ला को बड़ा ऑर्डर हुआ है ।
बार्सिलोना में कोई मांइस नहीं होने पर केवल एग्जिविशन के जरिए हजारों करोड़ रुपए कमाता है इस पर भी प्रेजेंटेशन दिया गया है । फिरा बॉर्सिलोना रांची में भी झारखंड सरकार के सहयोग से ज्वाइंट एग्जिविश हब बना सकता है। इसमें 120 मिलियन यूरो निवेश करने का लेटर ऑफ इंटेंड रहा ।
अरवा राजकमल ने बताया कि देश के कुछ राज्य फोकस कंट्री में बार-बार यात्रा और संपर्क कर विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि झारखंड में भी विदेशी निवेश को लेकर इस तरह की रणनीति अपनानी होगी । यूरोप कामकाजी महिलाओं के लिए रोल मॉडल माना जाता है इसलिए झारखंड में महिलाओं की ताकत का कैसे इस्तेमाल हो इसके लिए जरुरी विधायी और नियमों को लेकर काम करने की जरुरत है ।
अरवा राजकमल ने बताया है कि देश के जीडीपी में झारखंड का जितना योगदान है उतना ही विदेशी निवेश होना चाहिए ।