मुजफ्फरपुर: चिट फंड कंपनी में नौकरी के नाम पर लड़कियों से रेप और मारपीट करने के मामले में मुजफ्फरपुर पुलिस यूपी पहुंची। गोरखपुर में पुलिस ने छापेमारी करते हुए कंपनी के कई कर्मचारियों को पकड़ा है और उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने गोरखपुर इस इस कांड के मुख्य आरोपी तिलक प्रताप को गिरफ्तार कर लिया है।
नौकरी के नाम पर चलता था यौन शोषण का गैंग
इस गैंग ने डीवीआर नाम की फर्जी मार्केटिंग कंपनी बनाई थी, इसमें सोशल मीडिया पर नौकरी देने का पोस्ट डाला जाता था। इसमें लिखा जाता था कि अगर आप नौकरी के इच्छुक है तो आप हमसे संपर्क करें आपको एक मोटी सैलरी दी जाएगी। ये नौकरी सिर्फ लड़कियों के लिए होता था, सोशल मीडिया पर पोस्ट देखकर कई लड़कियों ने नौकरी के लिए संपर्क किया, जिनको मोटी रकम देकर नौकरी के लिए रखा गया। इसके बाद कंपनी से जुड़े लोगों ने लड़कियों के साथ जबदस्ती शारीरिक संबंध बनाया, अगर ये लड़कियां विरोध करती थी तो उनको बेल्ट से पीटा जाता था। लड़कियों के पिटाई के कई वीडियो सामने आये है। हालांकि पिछले साल अहियापुर और सदर थाना पुलिस ने छापेमारी कर लड़कियों को मुक्त कराया था। ज्यादातर लड़कियों ने शिकायत करना मुनासिब नहीं समझा लेकिन छपरा की रहने वाली है पीड़ित लड़की ने हिम्मत दिखाई और मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में एक फर्जी एम्पलाई पर एफआईआर दर्ज कराया।
पीड़िता ने बताया कि फेसबुक पर महिलाओं के लिए जॉब ऑफर के पोस्ट के माध्यम से वह डीवीआर संस्था से जुड़ी जहां अप्लाई करने पर चयन होने के बाद प्रशिक्षण के नाम पर ₹20000 की मांग की गई उसने बताया कि 20000 जमा करने के बाद बहुत सारी लड़कियों के साथ अहियापुर थाना क्षेत्र में ही बखरी के निकट रखा गया। लगभग 3 महीना तक गुजर जाने के बाद भी जब सैलरी नहीं मिली तो उसने संस्था के सीएमडी तिलक सिंह के समक्ष अपनी बात रखी तब उसे यह बताया गया कि 50 और लड़कियों को संस्था से जोड़ने पर उसकी सैलरी 50 हजार कर दी जाएगी।पीड़ित लड़कियों को आपस में बात करने की इजाजत तक नहीं थी। इन लड़कियों के साथ रेप किया जाता था, विरोध करने पर बेल्ट से पिटाई होती थी यहां तक की सिगरेट से भी जलाया जाता था।
पीड़िता का कहना है कि मुजफ्फरपुर रहते हुए भी तिलक सिंह ने उसके साथ जोर जबरदस्ती कर शारीरिक संबंध बनाया था। उस दौरान वह गर्भवती हुई थी जिसे तिलक सिंह द्वारा नुकसान करा दिया गया था। इस बीच कंपनी के चीट फंड होने का उसे एहसास हो गया था तो उसने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराना मुनासिब माना क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि जैसे उसकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया वैसे किसी अन्य लड़कियों के साथ यह खिलवाड़ जारी रहे।





