दिल्ली. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने खिलाफ मानहानि की याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानने की अपील की है। धोनी के खिलाफ उनके पूर्व बिज़नेस पार्टनर मिहिर दिवाकर और उनकी पत्नी सौम्या दास ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा धोनी को मीडिया में उनके खिलाफ किसी भी अपमानजनक बयान को प्रकाशित करने का निर्देश देने के लिए दायर किया गया है।
धोनी के वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि क्रिकेटर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। जिसके बाद, न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ ने चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान और कई मीडिया हाउसों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, ताकि उन्हें वादी के खिलाफ किसी भी कथित झूठी मानहानिकारक सामग्री को पोस्ट करने या प्रकाशित करने से रोका जा सके। मामले को भी 3 अप्रैल, 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
महेंद्र सिंह धोनी ने धोनी ने दोनों पर 2017 में क्रिकेट अकादमी स्थापित करने के अनुबंध का सम्मान नहीं करके उन्हें करीब 16 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप लगाया था। तब से, दोनों ने धोखाधड़ी के आरोपों से इनकार किया है। दिवाकर और सौम्या ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर धोनी और अन्य को अनुबंध के कथित उल्लंघन के संबंध में उनके खिलाफ मानहानिकारक आरोप लगाने से रोकने के निर्देश देने का अनुरोध किया था।
वहीं दिवाकर और सौम्या की ओर से केस लड़ रहे सीनियर वकील सात्विक वर्मा ने कहा है कि अभी भी यह केस चल रहा है लेकिन इसके बावजूद मीडिया हाउस ने इन दोनों को दोषी ठहराया है जो की सही बात नहीं है।