रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदित्य L1 मिशन की सफलता पर इसरो को बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट्स एक्स पर खुशी जाहिर की ।
गौरवपूर्ण क्षण!
आज देश का सूर्य मिशन आदित्य एल 1 हेलो ऑर्बिट में स्थापित हो गया।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए @isro की पूरी टीम को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं और जोहार।
भारतीय अंतर अभियान में 6 जनवरी उस वक्त इतिहास में दर्ज हो गया जब आदित्य L1 अपनी कक्षा मे स्थापित हो गया। पीएम मोदी ने भी इसरो को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने लिखा है कि “सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया है, यह दिखाता है कि कैसे हमारे वैज्ञानिकों के प्रयास मुश्किल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को हकीकत में बदल रहे हैं।”इस मिशन की आयु 5 साल की है। आदित्य L1 श्रीहरिकोटा से 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर रवाना हुआ था। आदित्य L1 जहां पहुँचना है वहाँ से प्रृथ्वी की दूरी 15 लाख किलोमीटर है। L1 यानि लैंगजेरियन प्वाइंट वो स्थान है जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण संतुलित रहता है।
आदित्य L1 के पास सात पेलोड्स है और सूर्य के सबसे बाहरी सतह का अध्ययन करेगा जिसे फ़ोटोस्फ़ेयर और क्रोमोस्फ़ेयर के नाम से जाना जाता है। इस मिशन के ज़रिए सोलर विंड को समझने में मदद मिलेगी। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि “ आज हमने आदित्य एल-1 को सटीक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया अंतरिक्ष यान प्रभामंडल कक्षा की ओर बढ़ रहा था लेकिन हमें इसे सही जगह पर स्थापित करने के लिए कुछ सुधार करने पड़े। यदि हम आज सुधार नहीं करते तो संभावना हो सकती थी कि यह इस बिंदु (एल-1 बिंदु) से बच सकता था। लेकिन हमने ऐसा नहीं होने दिया। “